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डीडीए ने कोर्ट में जमा किए गए नक्शे में इस सड़क को दिखाया भी है. लेकिन मजे की बात ये है कि जब इस सड़क को देखने जाओ तो वहां सड़क दिखाई नहीं देती. विवेक का आरोप है कि हमने अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देते हुए मांग की थी कि आप जब भी मौके पर जाएं तो हम कॉलोनी वालों को भी सूचित कर दें, जिससे सड़क को देखा जा सके.
लेकिन अधिकारियों ने चुपचाप ही दौरा कर लिया. इसी सब से परेशान होकर हमने ये तरीका निकाला है. जगह-जगह गायब सड़क का पता बताने वाले को 10 हजार रुपए देने की सूचना वाले बोर्ड लगाए गए हैं.
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