आरोपियों ने जांच एजेंसियों पर कार्रवाई के दौरान डराने का लगाया आरोप
इस घटना को नौ साल पहले 11 अक्टूबर 2007 को अंजाम दिया गया था, शाम को करीब आवा छह बजे अजमेर शरीफ दरगाह पर ब्लास्ट किया गया। ब्लास्ट में 3 लोगों की जान चली गयी और 15 लोग घायल हो गए थे। इस मामले में कुल 184 लोगों के बयान दर्ज किए गए, जिसमें 26 महत्वपूर्ण गवाह अपने बयानों से मुकर गए थे। मामले की जांच के बाद कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें कुछ आरोपियों ने मजिस्ट्रेट के सामने बम ब्लास्ट के आरोप कबूल भी किए थे। बाद में सभी आरोपियों और गवाहों ने सीबीआई और एनआईए पर डरा-धमकाकर बयान दर्ज करवाने का आरोप लगाया।
RSS के इंद्रेश कुमार का नाम भी शामिल
दिलचस्प बात यह है कि चार्जशीट में आरएसएस के इंद्रेश कुमार का नाम बतौर साजिशकर्ता शामिल है। चार्जशीट के मुताबिक इंद्रेश ने जयपुर के गुजरती भवन में मीटिंग कर ब्लास्ट की प्लानिंग की थी। लेकिन NIA ने इंद्रेश को आरोपी नहीं बनाया है। भवेश पटेल नामक शख्स ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर उसे धमकाकर बम ब्लास्ट की बात स्वीकारने का आरोप लगाया था।