बर्फबारी में मां के शव को कंधे पर ले जाने को मजबूर हुआ जवान, नहीं मिली सेना और प्रशासन से मदद

0
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse

इधर, वे सेना से फरियाद लगाते रहे, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला। कुपवाड़ा में ये सभी चार दिन तक फंसे रहे। अंत में 2 फरवरी को 10 घंटे में 30 किलोमीटर की यात्रा कर वे अगले पड़ाव तक पहुंचे। बाद में सेना की ओर से यह कहा गया कि हेलीकॉप्टर भेजा गया था तब तक अब्बास निकल चुके थे। कुपवाड़ा में सेना ने उन्हें कुछ मजदूर मुहैया कराए थे। बाकी के 22 किलोमीटर की यात्रा उन्होंने वहां से गुजरने वाली गाड़ियों से लिफ्ट लेकर की और बेटे ने अंत में अपनी मां को अपने गांव में दफनाने की अपनी इच्छा पूरी की।

इसे भी पढ़िए :  जानलेवा मजाक: गर्लफ्रेंड से हंसी मजाक में बॉयफ्रेंड की हो गई मौत, पढ़िए कैसे

2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse