सोमवार को पुलिस को सतपाल के घर पर कुछ अनहोनी होने कि सूचना मिली। पुलिस वहां पहुंची तो गेट अंदर से बंद था। जैसे कैसे पुलिस जब अंदर पहुंची तो दोनों मां बेटी फांसी पर लटके मिले। और दीवार आर एक स्यूसाइड नोट भी था जिसे अनीता ने लिखा था। लेटर में लिखा था- “मेरी मासूम बच्ची खत्म हो गई है। अब कोई गंदा इंसान यह नहीं कहेगा कि काम नहीं करवाती। भगवान के पास चली गई। वही उसका घर है। मेरी प्यारी बच्ची, कमकर भी मैं तुम्हें कुश नहीं दे पाई, अपनी मारी बच्ची को गले लगाया और खूब प्यार किया। बहुत प्यारी बच्ची है। मैं चाहती हूँ कि गुड्डू और उसके पापा यह क्रूर दृशय नहीं देखें। हमारा अंतिम संस्कार पहले कर देना।”
लेटर से प्रतीत होता है कि यह नोट अनीता ने सिया की मौत के बाद लिखा है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से पुलिस इस नतीजे पर पहुंची है कि यह एक स्यूसाइड केस है। पुलिस को जानकारी है कि अनीता डिप्रेशन की शिकार थी। टीचर होने की वजह से अनीता को अपने बच्चों से बहुत उम्मीदें थी। हालांकि उनके बच्चे पढ़ने में ठीक थक थे लेकिन अनीता की उम्मीद से कम थे। आदित्य का एमबीबीएस में एड्मिशन भी डोनेशन देकर करवाया गया था।































































