यूपी में समाजवादी पार्टी का झगड़ा शांत होने की ओर बढ़ रहा है। विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद मुलायम और बेटे अखिलेश दोनों खेमों में अंदरखाने चल रही सुलह की कोशिशें भी तेज हो चुकी थी। सूत्रों के मुताबिक ‘साइकल’ सिंबल फंसता देख मुलायम और शिवपाल बैकफुट पर आ चुके हैं और पार्टी की कमान पूरी तरह अखिलेश यादव को सौंपी जा सकती है। समाजवादी पार्टी अखिलेश के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़ेगी। चुनाव सिर पर है, ऐसे में मुलायम सिंह यादव ने भी किसी तरह विवाद को खत्म करने या फिर टाल देने में ही अपनी भलाई समझी।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की बुलाई गई बैठक में उनके समर्थक विधायकों और मंत्रियों ने अखिलेश यादव को हलफनामा सौंपा। विधायकों से लिए गए हलफनामे को अखिलेश चुनाव आयोग को सौंपेंगे। दरअसल चुनाव आयोग ने एसपी के दोनों गुटों से हलफनामा मांगा है। एसपी के करीब 220 विधानसभा सदस्यों और 60 विधान परिषद सदस्यों ने अखिलेश को हलफनामा सौंपा। बैठक से पहले ही हलफनामा तैयार था, विधायकों को सिर्फ उनपर दस्तखत करके अखिलेश को सौंपना था। अखिलेश की बुलाई बैठक में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के समधी और एसपी के एमएलसी जितेंद्र यादव भी शामिल हुए थे। जितेंद्र यादव को शिवपाल यादव का करीबी माना जाता है। बैठक में अखिलेश ने मौजूद विधायकों को भरोसा दिलाया कि यहां बैठक में जो भी आया है, उसका टिकट नहीं काटा जाएगा।