नोटबंदी की वजह से लोगों को कैश नहीं मिल पा रहा। घंटों लाइन में लगकर भी लोगों को पैसा नहीं मिल पा रहा। पैसे न मिलने से परेशान एक छात्र ने आत्महत्या कर ली। घटना उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की है। परीक्षा शुल्क जमा करने के लिए बैंक से नकदी ना मिलने से क्षुब्ध स्नातक के छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने बैंक में जबर्दस्त पथराव किया। बांदा शहर कोतवाल के.पी. सिंह ने आज यहां बताया कि पचनेही डिग्री कॉलेज में बीएससी द्वितीय वर्ष का छात्र मवई बुजुर्ग गांव निवासी सुरेश (18) परीक्षा शुल्क जमा करने के लिये पिछले कई दिनों से गांव की यू.पी. इलाहाबाद ग्रामीण बैंक की शाखा में अपने खाते से नकदी निकासी के लिए कतार में खड़ा हुआ लेकिन उसे धन नहीं मिल सका। उन्होंने बताया कि सुरेश मंगलवार को सुबह से ही बैंक के गेट के सामने कतार में लग गया था, लेकिन उसे दोपहर तक नकदी नहीं दी गई, जिससे निराश होकर वह घर लौट आया और अपनी मां की साड़ी से फंदा बनाकर फांसी लगा ली। सिंह ने बताया कि बैंक की कतार में खड़े ग्रामीण सुरेश द्वारा आत्महत्या की सूचना पर भड़क गए और बैंक में पथराव कर दिया। बाद में, मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी के आश्वासन पर ग्रामीण का गुस्सा शान्त हुआ। पुलिस ने छात्र के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम कराया है और मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।