प्रफेसर स्पेंस का अनुमान है कि हवाई यात्रा के दौरान उमामी स्वाद के अच्छे लगने का कारण हमारे पूर्वजों से भी जुड़ा हो सकता है। उनके मुताबिक, जब आदिम मानवों का सामना जानवरों से होता होगा या फिर वे परेशान होते होंगे, तो वे उमामी स्वाद वाली चीजें खाते होंगे। इसके कारण काफी लार आती है। इससे उन्हें भागने या फिर लड़ने की ऊर्जा मिलती होगी। हवाई यात्रा के दौरान होने वाले शोर से लोगों में डर बढ़ जाता है और शायद यही वजह है कि उन्हें भी उमामी स्वाद भाता है।
निम्न आद्रता और दबाव के कारण हमारी इंद्रियों की स्वाभाविक क्रिया भी प्रभावित होती है। 3,000 फुट की ऊंचाई पर कैबिन की हवा रेगिस्तानी इलाकों के मुकाबले ज्यादा शुष्क होती है। शुष्कता के कारण हमारे सूंघने की शक्ति काफी कम हो जाती है। इसके कारण ज्ञानेन्द्रियों द्वारा दिमाग को भेजे जाने वाले संकेत भी प्रभावित होते हैं। कुछ एयरलाइन्स ने उड़ान के दौरान होने वाले इन स्वाभाविक बदलावों को कम कर चीजें सामान्य करने की कोशिश भी की है। इसके लिए उड़ान के दौरान धीमा संगीत बजाने और आवाज करने वाले प्लेट्स और ग्लासों का इस्तेमाल करने जैसी तरकीबें इस्तेमाल की जाती हैं। यह भी पाया गया है कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में उगने वाले अंगूरों से बनी वाइन उड़ान के दौरान बाकी ड्रिंक्स के मुकाबले बेहतर लगती है।