अखिलेश ने किया अपने वादे पर अमल, नोटबंदी की बलि चढ़े लोगों के परिजनों को बांटे 2-2 लाख रुपये

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नोटबंदी के बाद लोगों को हो रही परेशानी, बैंकों और एटीएम की लाइन में मरने के कई मामले सामने आए थे। जिसके बाद उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एेसे लोगों के परिजनों को 2 लाख का मुआवजा दिया, जिनकी मौत बैंकों और एटीएम के बाहर लगी लाइनों में लगने के दौरान हुई। उन्होंने 14 परिवारों को 2-2 लाख रुपये का चेक थमाया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पैसा काला सफेद नहीं होता, हमारा लेनदेन काला सफेद होता है। उन्होंने यह भी कहा कि कैशलेस इकनॉमी का सपना अच्छे दिन के सपने जैसा है, पता नहीं कब जमीन पर आएगा। सीएम ने कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों की लाइनों में लगने के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों की सरकार मदद कर रही है।

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गौरतलब है कि यूपी चुनावों के मद्देनजर अखिलेश यादव ने कई चुनावी दांव चले हैं। ये भी उन्हीं में से एक माना जा रहा है। इससे पहले 22 दिसंबर को उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव सरकार ने 17 अन्य पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मंजूरी दी थी।

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अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में गुरुवार सुबह को हुई कैबिनट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सूत्रों ने बताया कि इस प्रस्ताव का मकसद आगामी यूपी विधानसभा चुनाव में ओबीसी वोटर्स को लुभाना है। अनुसूचित जाति की कैटेगरी में जिन अन्य पिछड़ी जातियों को शामिल करने का प्रस्ताव पेश किया है, उनमें कहार, कश्यप, केवट, निषाद, बिंद, भर, प्रजापति, राजभर, बाथम, गौर, तुरा, मांझी, मल्लाह, कुम्हार, धीमर, गोडिया और मछुआ शामिल हैं।

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