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बता दें, यूपी विधानसभा चुनाव से पहले यादव परिवार में काफी घमासान हुआ था। एक खेमा अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव का था, वहीं दूसरे खेमे में मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव थे। जो फैसला अखिलेश यादव लेते, उसे मुलायम सिंह यादव का खेमा निरस्त कर देता और जो फैसला मुलायम सिंह लेते, उसे अखिलेश यादव खेमा निरस्त कर देता। अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया था, इसके बाद अखिलेश ने खुद यह पद संभाला। इतना ही नहीं, बल्कि इसके बाद पार्टी के चुनावी निशान को लेकर भी काफी घमासान मचा था। दोनों खेमे ने चुनाव आयोग पहुंचकर पार्टी के चुनावी निशान पर अपनी-अपनी दावेदारी पेश की थी। लेकिन आखिरकार अखिलेश खेमे को पार्टी का निशान साइकिल मिला।
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