वाराणसी में मोदी के लिए मुसीबत बन सकते हैं अखिलेश-राहुल

0
वाराणसी
Prev1 of 3
Use your ← → (arrow) keys to browse

वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है इसलिए विधानसभा चुनाव के दौरान इस बार वाराणसी पर सबकी नजर होगी। बनारस के कुल 8 विधानसभा में अभी बीजेपी के पास 03, बीएसपी व सपा के पास 2-2 और कांग्रेस के पास 01 सीट है। बीजेपी के टिकट बंटवारे और सपा-कांग्रेस गठबंधन के बाद कई सीटों पर बीजेपी का समीकरण गड़बड़ा गया है।

इसे भी पढ़िए :  मायावती की CBI जांच करायेंगे CM योगी!, 21 चीनी मिलों की बिक्री की खुलेगी पोल

यहां सातवें चरण में आठ मार्च को वोट पड़ेंगे। बीजेपी ने अपने तीन मौजूदा विधायकों में से दो लोगों का टिकट काट दिया है। इसमें शहर दक्षिणी से सात बार विधायक रहे श्यामदेव राय चौधरी ‘दादा’ की जगह नीलकंठ तिवारी एवं कैंट से ज्योत्सना के स्थान पर उनके बेटे सौरभ श्रीवास्तव को टिकट दिया गया है। बताया गया है कि दादा का टिकट कटने से उत्तरी, दक्षिणी और कैंट तीनों पर असर पड़ सकता है। अजगरा (सु) सीट पहले ही बीजेपी ने सहयोगी दल भारतीय समाज पार्टी को सौंपने का निर्णय ले लिया है।

इसे भी पढ़िए :  शिवपाल यादव ने दिया बयान, कहा- ये सपा की हार नहीं घमंड़ की हार है

आमतौर पर सांसदों से उम्मीद की जाती है कि वह एमपीलैड यानी मेंबर ऑफ पार्लियामेंट लोकल एरिया डेवलपमेंट स्कीम का पैसा पूरा खर्च कर देंगे। लेकिन अधिकांश सांसद ऐसा नहीं कर पाते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने क्षेत्र में इस फंड का अभी तक पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाए हैं। उन्होंने 68.56 फीसदी रकम खर्च की है। स्कीम की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने 10.73 करोड़ रुपये में से 6.86 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। जबकि 3.88 करोड़ रुपये अभी बचे हुए हैं।

इसे भी पढ़िए :  सीएम अखिलेश का टूटा सपना, ड्रीम प्रोजेक्ट पर गिरी गाज

अगले पेज पर पढ़िए – वाराणासी पर होगी सबकी नजर

Prev1 of 3
Use your ← → (arrow) keys to browse