उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुस्लिम मतदाताओं को अपने बिखराव की स्थिति में भाजपा को फायदा पहुंचने के प्रति आगाह करने वाली बहुजन समाज पार्टी ‘बसपा’ मुखिया मायावती पर पलटवार करते हुए आज कहा कि जनता बसपा और भाजपा की दोस्ती के पुराने उदाहरणों को अब तक नहीं भूली है और क्या मायावती यह दावा करेंगी कि आगामी चुनाव के बाद हालात बनने पर वह भाजपा के साथ मिलकर सरकार नहीं बनाएंगी।
अखिलेश ने यहां स्मार्टफोन योजना के पंजीयन के वेब पोर्टल के उद्घाटन अवसर पर कहा ‘‘वह (मायावती) कहती हैं कि समाजवादी पार्टी के लोगों में बंटवारा है, लेकिन मुस्लिम भाई जानते हैं कि समाजवादी पार्टी उनके कितने करीब है। हम लोग भूले नहीं हैं अभी.. वह रक्षाबंधन वाला त्यौहार कोई नहीं भूला है कि किसने किसको राखी बांधी थी। वह गुजरात वाली बातें नहीं भूले हैं कि कौन जाकर किसके लिये वोट मांगकर आया था।’’ अखिलेश ने चुनौती देते हुए कहा ‘‘क्या मायावती जी यह दावा कर सकती हैं कि कल को अगर बहुमत की सरकार नहीं बनी तो क्या भाजपा और बसपा मिलकर सरकार नहीं बना लेंगी। उत्तर प्रदेश की जनता कैसे भरोसा करेगी।’’
उन्होंने मायावती पर कटाक्ष करते हुए कहा ‘‘लोग कह रहे हैं कि वे जनता को नकदी देंगे.. अरे आपका तो नकदी का पुराना शौक है। उत्तर प्रदेश के लोग अभी तक नहीं भूले हैं कि कैसे सीएमओ और एक इंजीनियर को मार दिया गया था। जन्मदिन के नाम पर कहां वसूली नहीं होती है। आपने अपने ही लोगों को गुमराह किया है और अब प्रदेश को गुमराह करना चाहती हैं।’’ मालूम हो कि मायावती ने कल लखनउ में अपनी रैली में मुस्लिम मतदाताओं से बसपा के पक्ष में वोट देने का आग्रह करते हुए कहा था कि समाजवादी पार्टी में बंटवारा हो गया है और वे सपा और कांग्रेस को वोट देकर उसे बेकार ना करें, क्योंकि इससे भाजपा को ही फायदा होगा। इसके अलावा उन्होंने प्रदेश में अगली सरकार बनाने पर गरीबों को नकदी देकर मदद का आश्वासन दिया था।
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