बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने शनिवार को पार्टी उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट जारी की और दावा किया कि वो प्रदेश में ‘अकेले दम पर सरकार’ बनाएंगी। विरोधियों ने उनके दावे पर प्रश्नचिन्ह लगाने में देर नहीं की लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों को उनके बयानों में ‘गंभीरता’ नज़र आती है। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और बाकी नेता लगातार कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में मुख्य मुक़ाबला भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच है।सपा का अखिलेश यादव धड़ा भी दावा कर रहा है कि मुख्यमंत्री अखिलेश के विकास कार्यों के दम पर पार्टी दोबारा सत्ता में आएगी।ये दोनों दल विभिन्न चुनाव सर्वेक्षणों का भी हवाला देते हैं तो मायावती बीजेपी और सपा के बीच ‘गठजोड़’ का आरोप लगाती हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो “आज़ादी के बाद ये उत्तर प्रदेश का पहला चुनाव है जिसे त्रिकोणीय कहा जा सकता है। फ़िलहाल ये कहना जोखिम भरा होगा कि सपा, बीएसपी और बीजेपी में से कौन जीत सकता है?” मायावती की पार्टी के पास तैयारी के लिहाज़ से बढ़त है। और, उनका वोट बैंक भी स्थिर है।