न कोई सरकारी आदेश और न ही कोई कानूनी नोटिस। लेकिन फिर भी पुलिस और प्रशासन के अधिकारी आकर मीट की दुकानबंदी का फरमान दे देते हैं। इन घटनाओं से घटना को छोड़कर मीट बाजार में एक अजीब सा सन्नाटा है।19 मार्च को योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। सोमवार की सुबह से ही अचानक मीट बाजार में ताबड़तोड़ छापेमारी शुरु हो गई। गाजियाबाद में तो चार दुकान और कट्टीघर सील करने के साथ ही एक व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। सोमवार से बुधवार तक यूपी का कोई ऐसा जिला नहीं बचा जहां छापेमारी न की गई हो। मीट विक्रेताओं की ओर से पूछने पर अधिकारियों ने बताया गया कि आप लोगों के पास लाइसेंस नहीं हैं।
लाइसेंस बनवाने या पुराने लाइसेंस को रिन्यू कराने के बाद दुकान खोल सकते हैं, इस पर अधिकारियों ने दुकान खोलने से साफ इनकार कर दिया। गाजियाबाद इस्लाम नगर के मीट विक्रेता मुहम्मद सलीम और नसीम ने बताया कि इस संबंध में जब पुलिस और नगर निगम के अधिकारियों से पूछा तो उन्होंने कहा कि जब तक नए लाइसेंस बनाने और पुरानों को रिन्यू करने का नई सरकार की ओर से कोई आदेश नहीं आ जाता है तब तक आप लोग दुकान नहीं खोलेंगे। मुर्गा बेचने वाले दुकानदार भी हड़काए जा रहे हैं।
डासना, गाजियाबाद, रामपुर, कानपुर, मेरठ और आजमगढ़ के कुछ मीट विक्रेताओं ने बताया कि इस कार्रवाई के बाद जब वो लाइसेंस के लिए नगर निगम गए तो अधिकारियों ने आवेदन लेने से ही मना कर दिया। वहीं अकरम ने बताया कि अलीगढ़ में आवेदन लिए जा रहे हैं, लेकिन लाइसेंस कब तक बन पाएगा इसका जबाव कोई अधिकारी नहीं दे रहा है। आगरा के नदीम नूर का कहना है कि नगर निगम में मीट विक्रेताओं की भीड़ लगी हुई है। लेकिन लाइसेंस के संबंध में उन्हें कोई भी कुछ बताने को तैयार नहीं है।
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