दिलवालों की दिल्ली में ऐसा मामला सामने आया है, जिससे इंसानियत शर्मसार हो गई। बुधवार को दिल्ली के डाबड़ी इलाके से एक कमरे में बंद जिंदा कंकाल बन चुकीं मां-बेटी को निकाला गया है। मां-बेटी इस कमरे में कई सालों से बंद थीं। दोनों महिलाओं की पहचान कलावती मिश्रा (मां) व दीपा मिश्रा (बेटी) के रूप में हुई है। दोंनों ही अवसाद की शिकार हैे।
हिरासत में लिया गया बुजुर्ग शख्स महावीर मिश्रा हैं, जो एमटीएनएल से रिटायर्ड लाइनमैन है। वाकया डाबड़ी इलाके के महावीर एन्केल्व पार्ट-2, गली नंबर-11 ए-ब्लॉक का है। महावीर मिश्रा का यह मकान है। ग्राउंड फ्लोर पर घर के बाहर स्टेशनरी की शॉप खोली हुई है, जिसे वही चलाता है।
शुरुआती जांच में मालूम चला है कि महावीर मिश्रा के दो बेटे थे। दोनों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक बेटे तेजबहादुर की मौत 2007 में हुई थी। पति की मौत के बाद कलावती अपनी बेटी दीपा के साथ इसी घर में रह रही हैं। महावीर की वाइफ का भी देहांत हो चुका है। बताया जा रहा है कि दूसरे बेटे की पत्नी व बच्चे महावीर के गलत बर्ताव की वजह से अलग रह रहे हैं। आसपास के लोगों ने तेजबहादुर की मौत के बाद कुछ समय तक ही उनकी पत्नी कलावती और दीपा को बाहर आते-जाते देखा था। उसके बाद उन्हें कभी नहीं देखा। लोगों ने हालचाल जानने की कोशिश भी की मगर महावीर के झगड़ालू रवैये से सभी दूरी बनाकर रखते हैं।