कई सालों से ‘कैद’ में थी ये मां-बेटी, जब छुड़ाई गई तो जिंदा कंकाल बन गई थीं

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इस मसले में RWA के जनरल सेक्रेटरी संजय पोद्दार व उनके साथ अन्य लोगों ने इस बारे में पता किया। बुधवार देर शाम ये लोग डाबड़ी थाने पहुंचे। जहां से पुलिस को पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया। करीब साढ़े छह बजे  पुलिस टीम उस इलाके में पहुंची।जब पुलिस कमरे में पहुॅचेी  तो अंदर का हाल बेहद डरावना था। चारों तरफ बदबू फैली हुई थी। सभी ने मुंह को कपड़े से ढका। मां-बेटी एक ही चारपाई पर पड़ी थीं। पुलिस के पहुंचने पर भी वह हिल डुल नहीं पा रही थीं।

पुलिस को अपने घर में देख महावीर मिश्रा हैरत में रह गए। पूछताछ में उन्होंने बताया कि बेटे की मौत के बाद से पेंशन के सहारे ही जीवन कट रहा है। रूंधे गले से बोलते हुए महावीर मिश्रा ने पुलिस को बताया कि जब मैं खुद भूखा हूँ तो उन दोनों को खाना कहां से लाता।

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पुलिस नें मां-बेटी को महिलाओं के अस्पताल में भर्ती कराया है। दोंनों इस हाल में नहीं हैं की कोई बयान दें सकें। ममला जो भाी हो एसे हासदे दिल दहला देने वाले होते हैं। जीने का हक हर इंसान का नैसर्गिक अधिकार हेै ।एेसी धटनाओं को रोकने के लिए समाज में कुछ दिशार्निदेश होने चाहिये।

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