उप्र में परिवार को बंधक बना मां-बेटी से सामूहिक दुष्कर्म

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प्रतीकात्मक चित्र, साभार

बुलंदशहर : यूपी की ये वारदात दिल दहला देने वाली है और उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल भी। पुलिस का इकबाल खत्म होने से अपराधियों का अड्डा बने राष्ट्रीय राजमार्ग पर परिवार को बंधक बनाया। फिर कार से खींचकर मां-बेटी से सामूहिक दुष्कर्म किया गया। पूरे उत्तर प्रदेश को शर्मसार करने वाली वारदात बुलंदशहर जिला मुख्यालय से महज दो किमी दूर एनएच-91 (गाजियाबाद-अलीगढ़) पर शुक्रवार रात डेढ़ बजे के करीब हुई। बदमाशों ने परिवार को दो घंटे बंधक बनाकर रखा और पुलिस को तीन घंटे तक भनक तक नहीं लगी। और जब लगी तो शनिवार सुबह से ही सारी ताकत मामले को दबाने में लगा दी गई। मामला मीडिया तक पहुंचा तो अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कर इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर खानापूरी की गई है।

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नोएडा में रहने वाला दो भाइयों का पीड़ित परिवार मूल रूप से शाहजहांपुर का है। शुक्रवार रात करीब 12 बजे दंपती 14 साल की बेटी, भाई-भाभी और भतीजे के साथ एक परिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नोएडा से शाहजहांपुर के लिए निकले। करीब डेढ़ बजे बुलंदशहर के देहात कोतवाली के गांव दोस्तपुर के फ्लाईओवर के पास किसी ने कार के सामने कुछ फेंका लेकिन जोर की आवाज आने पर भी उन्होंने कार नहीं रोकी। करीब 200 मीटर आगे फिर वैसी आवाज आई तो उन्होंने गाड़ी रोक दी। तभी पीछे से आकर रुकी कार से उतरे छह-सात बदमाशों ने परिवार को बंदूक की नोक पर ले लिया और फ्लाईओवर के नीचे ले गए। तीनों पुरुषों को बंधक बना लिया और दोनों महिलाओं और किशोरी को हाइवे के नीचे संपर्क मार्ग पर ले गए और मां-बेटी से सामूहिक दुष्कर्म किया। तड़के करीब साढ़े तीन बजे हैवान 12 हजार रुपये और जेवर भी लूटकर ले गए। पीड़ित परिवार की सूचना पर नोएडा के परिचित ने कंट्रोल रूम को सूचना दी तब करीब पौने पांच बजे कोतवाली देहात पुलिस मौके पर पहुंची और मेडिकल कराकर परिवार को रवाना कर दिया। मेरठ रेंज की डीआइजी लक्ष्मी सिंह ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद अफसरों को फटकार लगाई। इसके बाद एसएसपी वैभव कृष्ण ने देहात कोतवाली के इंस्पेक्टर रामसेन को निलंबित कर दिया। मेरठ जोन के आइजी सुजीत पांडेय ने बताया कि घटनास्थल के पास लगे टावरों का बीटीएस उठाया गया है। इसमें छह संदिग्ध मोबाइल नंबरों की लोकेशन वहीं की पाई गई है। बदमाशों की तलाश में पुलिस की कई टीमें लगाई गई हैं।
वारदात की जांच स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को सौंपी गई है। आइजी (जोन) मेरठ को तफ्तीश की निगरानी का निर्देश दिया गया है। कोतवाली प्रभारी को निलंबित कर दिया गया और क्षेत्रधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा है। एडीजी (कानून व्यवस्था) दलजीत चौधरी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताते हुए कहा कि दरिदों में एक की पहचान हुई है। वारदात में घुमंतू गिरोह पर शक है। उन्हें जल्द पकड़ लिया जाएगा।<

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