मिशन 2017 का आगाज हो चुका है और तमाम सियासी दल इस मिशन में ताकत झोंकने में जुटे हुए हैं। चाहे वो सत्ता धारी पार्टी समाजवादी पार्टी हो या फिर केन्द्र की कुर्सी पर बैठी बीजेपी, चाहे वो खुद को दलितों का मसीहा बताने वाली बसपा हो या फिर देशभर में खराब हालत से जुझ रही कांग्रेस हो। हर कोई यूपी की सत्ता पर काबिज होने के सपने संजो रहा है और इन सपनों को साकार करने के लिए जी-जान से पसीना भी बहा रहा है।
आज का दिन सपा औप बीजेपी के लिए बेहद खास है। आज यूपी में एक बड़ा राजनीतिक घमासान देखने को मिल सकता है जब समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी आमने सामने होगी। दरअसल ये दिन दोनों पार्टियों के लिए काफी अहम साबित हो सकता है। क्योंकि आज एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी अपने रजत जयंती समारोह के जरिए विरोधियों को ललकारने की तैयारी में है वहीं बीजेपी परिवर्तन रैली के जरिए बड़ा शक्ति प्रदर्शन करने जा रही है।
यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दल किसी ना किसी बहाने अपना दमखम दिखाना चाहते हैं। पार्टी की 25वीं स्थापना दिवस पर एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव एक भव्य आयोजन करके शक्ति प्रदर्शन करने के मूड में है। आज यूपी की राजधानी लखनऊ में एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव पार्टी के स्थापना दिवस को धूमधाम से मनाने की तैयारी में लगे हैं लेकिन विरोधी दल इसे चुनाव से पहले नेताजी के शक्ति प्रदर्शन के रुप में देख रहे हैं। खबरों के मुताबिक समाजवादी पार्टी के 25 साल पूरे होने पर आयोजित हुए इस रजत जयंती समारोह के लिए नेताजी ने देशभर के समाजवादियों को बुलावा भेजा है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस समारोह के जरिए मुलायम सिंह यूपी में अगले साल होने वाले चुनाव का बिगुल फूंकनेे वाले हैं। हालांकि इस खास मौके पर यूपी चुनाव को लेकर महागठबंधन का ऐलान जरुर हो सकता है।
सपा की एकजुटता का भी इम्तिहान
रजत जयंती समारोह के मंच पर सपा में एकजुटता का इम्तिहान भी होगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि आज इस समारोह से महागठबंधन की राह भी निकल सकती है। हालांकि बर्खास्त नेताओं के समारोह में आने को लेकर तकरार के आसार भी बन रहे हैं।
कई पार्टियों के नेता जुटेंगे
सपा के इस मंच पर पुराने जनता दल परिवार का हिस्सा रहे नेता शिरकत करेंगे। इनमें राष्ट्रीय लोकदल मुखिया चौधरी अजीत सिंह, जनता दल सेकुलर अध्यक्ष एचडी देवेगौड़ा, राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव, सांसद और जनता दल यूनाइटेड नेता शरद यादव शामिल हैं। हालांकि बिहार में छठ पर्व के चलते नीतीश यादव ने रजत जयंती समारोह में पहुंचने से इनकार कर दिया है।
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