मोदी के गांव के लोगों को ही नहीं पता कि डिजिटल होना मतलब क्या होता है

0
मोदी
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का गांव नागेपुर दूसरा गांव है जिसे पीएम मोदी ने गोद लिया है। 8 नवम्बर को नोटबंदी के फैसले के बाद यह वाराणसी का पहला गांव हैं जिसे कैशलेस घोषित किया गया। यहां करीब 100 मीटर की दूरी पर हर घर के छतों पर लगे वाई-फाई के टावर इस बात की तस्दीक भी करते हैं। लेकिन जब ग्रामीणों से पूछा गया कि क्या उन्होंने डिजिटल इंडिया और कैशलेस के बारे में सुना है। उनका कहना था नहीं। करीब 60 साल के रामाश्रय ने बताया, “बाबू नाही सुनले हई।” वहीं मास्टरजी के नाम से पोपुलर एक बुजुर्ग ने कहा कि वह भी नहीं जानते। कैशलेस पर उन्होंने कहा शायद मोबाइल से कुछ होता है।

इसे भी पढ़िए :  यूपी: योगी राज में सत्ता के आगे बेबस है खाकी ?

एक युवा जिसने सुहेलदेव पार्टी (जिससे बीजेपी का गठबंधन है) की टी-शर्ट पहनी थी, उसने कहा “ नहीं डिजिटल के बारे में नहीं सुना। पढ़े लिखे है नहीं तो मोबाइल से कैसे कैशलेस करेंगे।”

इसे भी पढ़िए :  अखिलेश के समर्थकों ने लगाए दिलचस्प नारे, कहा 'ये जवानी है कुर्बान, अखिलेश भैया तेरे नाम

अगले पेज पर पढ़िए- सिर्फ़ दस फ़ीसदी लोग हैं पढे लिखे

Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse