इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश अरबी-फारसी मदरसा बोर्ड ने सूबे के सभी मदरसों के लिए नए दिशा जारी कर दिए हैं। शिक्षण अवधि में कक्षा में मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा। इसके अंतर्गत मदरसा परिसर में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। रसोई घर, शौचालय की सफाई और पेयजल की शुद्धता को प्राथमिकता दी जाएगी। शिक्षा के स्तर एवं गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। यह भी कि छात्र-छात्रओं के नाखून कटे हुए हों और वे साफ-सुथरे रहें।
सर्वाधिक महत्वपूर्ण निर्णय में परिसर मे धूम्रपान पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। मदरसों के प्राचार्य, प्रबंधक, शिक्षक, कर्मचारी और छात्र धूमपान का प्रयोग करता पाया गया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा शिक्षणकार्य अवधि में शिक्षक और कर्मचारी को किसी अन्य कार्य के लिए न भेजा जाएगा। मिड-डे मील के क्रियान्वयन की व्यवस्था सुव्यवस्थित ढंग से लागू की जाएगी। मिड-डे मील का मेन्यू पेंट द्वारा मदरसा के नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित होगा।
वर्ष 2012 के बाद नियुक्त लिपिक को कंप्यूटर का ज्ञान आवश्यक है। मदरसे में नियुक्त प्रत्येक शिक्षक, कर्मचारी और प्रधानाचार्य को उनके पद के अनुसार अर्हता होनी चाहिए। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी एसपी तिवारी ने बताया कि उक्त गत दिनों अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री के साथ हुई बैठक में लिया गया। इसमें मदरसा शिक्षा में गुणवत्ता के लिए स्पष्ट दिए गए है।
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