39 साल पहले 29 जुलाई 1978 में सरयू परियोजना का प्रस्ताव पास हुआ था. परियोजना की लागत 78.68 करोड़ रुपये तय हुई थी. परियोजना से नौ जिलों के 12 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई होनी थी. परियोजना का लाभ नौ जिलों बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर, महराजगंज और गोरखपुर को मिलना था. परियोजना के अनुसार 8240 किमी लम्बी नहर का निर्माण होना था.
नहर के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण भी हो चुका है. लेकिन हैरत की बात ये है कि अभी तक परियोजना का काम पूरा नहीं हुआ है. जबकि 78.68 करोड़ रुपये वाली परियोजना पर अब तक 5185 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. विधायक असलम राईनी के विधानसभा में उठाए सवाल के जवाब में ये जानकारी सामने आई है. परियोजना पूरी करने के लिए अब दिसम्बर 2019 तक का समय मिला है.
परियोजना में होने वाली देरी के संबंध में नाम न छापने की शर्त पर सिंचाई विभाग के अधिकारी बताते हैं कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया बड़ी ही जटिल है. जमीन अधिग्रहण के लिए जमीन के रेट तय करने वाले अधिकारियों की ओर से देरी की गई. वहीं बजट की कमी के चलते भी बार-बार काम रुक जाता है.
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