पिछले कुछ महीनों से सपा परिवार में चल रही उथलपुथल के बीच पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने जिस बेटे को पांच साल पहले विरासत सौंपी थी, उसी बेटे अखिलेश यादव को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
शुक्रवार को पूरे दिन चले इस सियासी तूफान के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज विधायकों की बैठक बुलाई है, जो फिलहाल जारी है। करीब 175 विधायक अखिलेश से मिलने पहुंचे हैं। अखिलेश के घर पर एमएलसी और मंत्री भी मौजूद हैं। उधर, दूसरी ओर सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के घर के बाहर भी लोग मौजूद हैं लेकिन उनकी संख्या कम दिख रही है। इसके पीछे एक वजह यह भी हो सकती है कि लोगों को अपना भविष्य अखिलेश यादव में दिखाई दे रहा हो।
अखिलेश और रामगोपाल को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निकाले जाने के बाद बड़ी संख्या में अखिलेश समर्थक उनके घर के बाहर जमा हो गए और अखिलेश के समर्थन में नारेबाज़ी करने लगे। एक समर्थक ने तो आत्मदाह की भी कोशिश की। अखिलेश समर्थक मुलायम सिंह यादव से अपना फैसला वापस लेने की मांग कर रहे थे। समर्थकों को उग्र होते देख अखिलेश ने अपने एक विधायक को समर्थकों के बीच भेज कर संयम बरतने का संदेश दिया।
अब सब की नज़र इस बात पर टिकी है कि बैठक में अखिलेश क्या निर्णय लेते हैं क्या अखिलेश मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफ़ा देकर नई पार्टी बनाएंगे या फिर सुलह की गुंजाइश अब भी बाक़ी है।