समाजवादी पार्टी में एक बार फिर से गहमागहमी का माहौल बनता दिखाई दे रहा है। चुनाव की तारीख जितनी करीब आ रही है, वैसे ही राजनीति गलियारों में हलचल और बढ़ती जा रही है। सोमवार को अखिलेश यादव के विरोधी माने जाने वाले विधायक रामपाल यादव की पार्टी में वापसी हो गई है। जिसे अखिलेश ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते अप्रैल में पार्टी से बाहर निकाल दिया था। लेकिन सपा के अध्यक्ष शिवपाल यादव उन्हें पार्टी में वापिस ले आए। इससे साफ हो जाता है कि अभी भी दोनों के बीच राजनीति को लेकर विवाद हो रहा है। शिवपाल यादव ने एक ज्ञापन जारी करते हुए कहा कि पार्टी ने रामपाल यादव के निष्कासन पर विचार करते हुए उन्हें पार्टी में वापिस लाने का फैसला किया है।
पार्टी अध्यक्ष शिवपाल यादव ने यह उम्मीद जताई है कि अब वह अनुशासन में रह कर पार्टी में काम करेंगे। बता दें कि रामपाल यादव सीतापुर के बिसवां से विधायक है। गौरतलब है कि इसी साल अप्रैल में रामपाल यादव और उनके कुछ सर्मथकों ने जियामउ स्थित अवैध निर्माण को ढहाने पहुंची एलडीए की टीम के साथ मारपीट की थी। इस दौरान उनके एक समर्थक ने पुलिस के सामने ही एलडीए के सचिव पर पिस्तौल तान दी थी। जिसके बाद इस मामले में पुलिस ने रामपाल यादव सहित 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था।
वहीं अखिलेश यादव ने रामपाल यादव को उनके अवैधानिक कामों के चलते पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। उन्होंने रामपाल यादव को पार्टी से इसलिए बाहर निकाला था ताकि इससे पार्टी की छवि खराब न हो। वहीं शिवपाल यादव ने रामपाल यादव को पार्टी में वापिस लाकर अखिलेश यादव के विरूद्ध काम किया है।