लखनऊ : 44 साल के योगी आदित्यनाथ पहले गोरखनाथ मठ के महंत पद से संसद पहुंचे और अब वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद योगी के सामने कई चुनौतियां होंगी। प्रदेश चुनाव के समय BJP ने जनता से कई बड़े-बड़े वादे किए हैं। सरकार बनने के बाद इन वादों पर क्या और कितना काम होता है, इसपर ना केवल विरोधी दलों, बल्कि जनता की भी नजर होगी। 403 विधानसभा सीटों में से 325 हासिल कर इस सरकार के पास बहुत विशाल जनाधार होगा। ऐसे में उनसे उम्मीदें भी काफी ज्यादा होंगी।
चुनाव के दौरान योगी ने खुद भी कई वादे किए थे। उनकी कट्टर हिंदुत्ववादी छवि को देखते हुए लगता है कि कुछ खास कामों को वह ज्यादा तरजीह दे सकते हैं। उनकी छवि और बयानों-वायदों को ध्यान में रखते हुए हम 6 ऐसे मुद्दे चुने हैं, जिसे योगी के नेतृत्व वाली BJP सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता दे सकती है। जानें, क्या हैं ये मुद्दे:
अयोध्या मामला
बड़ा सवाल यह नहीं है कि अयोध्या में राम मंदिर बनेगा या नहीं, इससे बड़ा मुद्दा राम मंदिर बनने के माहौल का है। चूंकि यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, इसीलिए राम मंदिर का फिलहाल बनना संभव नहीं। हां, यह जरूर हो सकता है कि राम मंदिर बनाने का माहौल गर्म कर इसका राजनैतिक फायदा उठाया जाए। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद BJP ने केंद्र और UP में जितने चुनाव लड़े हैं, उनमें से शायद कोई भी चुनाव राम मंदिर के मुद्दे के बिना नहीं लड़ा गया। अगर खुलकर इसपर बात नहीं भी हुई हो, तब भी इतना जरूर हुआ कि राम मंदिर को BJP के चुनावी घोषणापत्र में जगह मिली ही।योगी हालांकि पहले कई मौकों पर कह चुके हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बिना भी अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने का वह समर्थन करते हैं। अब CM बनने के बाद ‘सुप्रीम कोर्ट के आदेश बिना’ राम मंदिर बनाने की बातों पर उनका क्या रुख होता है, यह देखना होगा। राम जन्मभूमि आंदोलन के सबसे बड़े चेहरों में योगी भी शामिल हैं।
अवैध बूचड़खाने
चुनाव प्रचार के दौरान ना केवल योगी, बल्कि खुद BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश में चल रहे बूचड़खानों को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया। अमित शाह ने वादा किया था कि अगर प्रदेश में BJP की सरकार बनती है, तो सबसे पहले इन अवैध बूचड़खानों को बंद करने का आदेश जारी किया जाएगा। शाह ने वादा किया कि जिस दिन प्रदेश सरकार शपथ लेगी, उसी दिन आधी रात से पहले इस संबंध में आदेश जारी कर दिया जाएगा। पिछले कुछ समय से BJP लगातार ‘बीफ पॉलिटिक्स’ कर रही है और UP चुनाव में भी पार्टी ने इसे बरकरार रखा। बूचड़खानों पर गायों को काटने का आरोप लगाया गया। स्थानीय स्तर के नेताओं ने भी इस मुद्दे का बार-बार जिक्र किया। बूचड़खानों को बंद करने का यह मुद्दा BJP ने अपने चुनावी घोषणापत्र में भी किया था। चूंकि योगी खुद भी गोरक्षा के कट्टर समर्थक हैं, ऐसे में यही माना जा रहा है कि उनकी सरकार इस मुद्दे को प्राथमिकता देगी।
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