अल्मोड़ा के 58 गांवों के निवासियों ने उत्तराखंड में होने वाले विधान सभा चुनाव में वोट ना करे का फैसला लिया है। गांव वालों का कहना है कि वो सड़क, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं नी मिलने से खफा हैं। इनमें भैंसिया चन्ना ब्लॉक के 18, जगेश्वर ब्लॉक के 12, सोमेश्वर ब्लॉक के आठ, सल्ट ब्लॉक के आठ गांव शामिल हैं। इसके अलावा अल्मोड़ा विधानसभा क्षेत्र के 12 गांव भी चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
भैंसिया चन्ना ब्लॉक में रामतोला गांव के प्रधान जगत सिंह ने ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ को बताया, “2010 की आपदा के दौरान हुए भूस्खलन की वजह से कई गांव उजड़ गए। तबसे, कई लोग अपने रिश्तेदारों के यहां रह रहे हैं वहीं पिछड़ी जाति के कई लोग स्कूलों में रहने को मजबूर हैं। हमने कई बार राज्य सरकार से कहा कि हमें किसी सुरक्षित जगह बसाया जाए लेकिन अभी तक कुछ नहीं किया गया। इसलिए हमने इस बार चुनाव में वोट न करने का फैसला लिया है।”
इसी तरह रानीखेत के भैंसाली गांव के प्रधान बलराम सिंह ने भी बताया कि उनके गांव में साल 1972 में ही सड़क बनी थी लेकिन कुछ सालों बाद सड़क को बंद कर दिया गया। कई बार शिकायत के बाद भी इसे दोबारा चालू नहीं किया गया। इसकी वजह से आवाजाही में परेशानी होती है। बोरा गांव के ग्राम प्रधान महेश राम ने बताया कि घर का मामूली सामान खरीदने के लिए भी 10 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। उन्होंने कहा, “जब सरकार इतने सालों से हम पर ध्यान नहीं दे रही तो हम वोट क्यों दे?”
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