दरअसल 10 सीटों पर बात आकर पूरी तरह से अटक गई है और इसी बीच उत्तराखण्ड में हरीश रावत के पोस्टरों से किशोर उपाध्याय का चेहरा गायब हो गया जिसे लेकर एक बार फिर दोनों गुटों में तलवार खिंच गई हैं। प्रचास सामाग्री की कई चीज़ो से किशोर उपाध्याय का चेहरा गायब है न तो पोस्टर में न ही प्रचार के लिए इस्तेमाल होने वाली बाईक पर। इस बीच प्रत्याशियों की जो सूची 12 तारीख़ को आनी थी अब वह 16 जनवरी तक आने की बात कही जा रही है। पार्टी के भीतर अब यह बात भी जमकर हो रही है कि जो बाज़ी हरीश रावत के हांथ में थी अब जीती जिताई बाज़ी हार चुके हैं। इसके चलते आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी ख़ामयाज़ा भुगतना पड़ सकता है।
उत्तराखण्ड की वित्तमंत्री इंदिरा ह्रदेयश ने कहा था कि सत्ता में दोबारा आने की पूरी संभावना हैं, अगर टिकट के सही वितरण हुये तो, इसमें महिलाओं और युवाओं की भी भागीदारी होनी चाहिए, इसके अलावा उनका कहना था कि सिटिंग विधायकों को तो टिकट मिलना ही चाहिए क्योंकि वह संकट के समय में पार्टी के साथ खड़े रहे।