रात भर चली बैठक
दुनिया भर से जुटे वार्ताकारों और नीति निर्माताओं ने यहां शुक्रवार की सुबह से लेकर पूरी रात भर बैठकें कीं। इन वार्ताओं में एचएफसी के इस्तेमाल को कम करने के लिए मांट्रियल संधि में संशोधन के प्रस्ताव पर मतभेद दूर कर संबंधित किगाली संशोधन पर सहमति बनी। यह प्रोटोकॉल उन तत्वों से संबंधित है जिससे ओजोन की परत कमजोर हो रही है। इसके कमजोर पड़ने से सदी के अंत तक ग्लोबल टेंपरेचर में 0.5 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी हो सकती है। समझौते से इसपर रोक लगने की उम्मीद है।
जनवरी 2019 से लागू होगा संशोधन
संशोधन 1 जनवरी 2019 से लागू होगा, लेकिन इसके लिए यह जरूरी है कि देशों या मांट्रियाल प्रोटोकॉल के पक्ष में रहे क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण संगठनों की ओर से कम से कम इसे 20 अनुमोदन या स्वीकृति मिले। सम्मेलन के उच्चस्तरीय खंड में शरीक हुए पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने कहा, ‘हमने अपने विकास, औद्योगिक हित और साथ ही देश के हित की परवाह की।































































