वॉशिंगटन : सीरिया में हुए केमिकल हमले से नाराज ट्रम्प ने सीरिया पर मिसाइल हमला तो कर दिया लेकिन दुनिया भर में ये सवाल उठने लगा है कि अमेरिका के इस कदम से क्या पुतिन और रूस के रिश्ते सामान्य रह पाएंगे और दूसरा सवाल ये कि अब रूस क्या रुख अपनाएगा? ट्रंप लगातार कह चुके हैं कि वह रूस के साथ संबंध बेहतर कर वैश्विक समस्याओं को सुलझाने के पक्ष में हैं। अब चूंकि अमेरिका ने असद सरकार को निशाना बनाया है और रूस असद के साथ खड़ा है, तो ऐसे में सबकी नजरें अब पुतिन सरकार पर ही टिकी हैं।ट्रंप के इस फैसले के साथ ही सीरिया में अमेरिका की सैन्य भूमिका बढ़ गई है। भूमध्यसागर के पूर्वी हिस्से से दो अमेरिकी युद्धक जहाजों ने असद सरकार के नियंत्रण वाले एयरबेस पर मिसाइल हमला किया। 20 जनवरी को कार्यभार संभालने वाले ट्रंप के अब तक के शासनकाल में विदेश नीति से जुड़ी यह सबसे बड़ी चुनौती है। 6 साल से चल रहे सीरियन गृहयुद्ध में गुरुवार को मिसाइल हमला करने का फैसला लेना अमेरिका की ओर से की गई सबसे कड़ी कार्रवाई है। इसके कारण वह सीधे-सीधे रूस और ईरान के सामने खड़ा हो गया है। इस मिसाइल हमले के कारण इन दोनों के साथ अमेरिका का टकराव हो सकता है। मालूम हो कि रूस और ईरान असद सरकार के सबसे करीबी सहयोगी हैं। ये दोनों ही देश असद को सैन्य सहायता भी दे रहे हैं।
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