प्रसाशन द्वारा लिए जाने वाले इस फैसले से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है क्युकी जितनी भी इमारते गिरायी जाएँगी उनमे से ज्यादातर मुस्लिम बहुल इलाकों में हैं। स्थानीय मुस्लिम लीडर हाजी माउंग बार ने बयां दिया कि वो इमारते 2012 के दंगो से पीड़ित मुस्लिमों की हैं और यदि इन इमारतों को गिरा दिया जायेगा तो इनमे रहने वाले लोग कहा जायेंगे। अगर मस्जिदों को गिरा दिया जायेगा तो यहाँ रहने वाले मुस्लिम नमाज कहा करेंगे।
वाहन के स्थानीय निवासियों से बात करने पर उन्होंने कहा कि प्रसाशन को अवैध निर्माण होने ही नहीं देना चाहिए था। लोगों ने प्रसाशन के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि प्रसाशन ने ये अच्छा निर्णय लिया है क्युकी यहां मुस्लिमों की आबादी अनियंत्रित रूप से बढ़ रही है। गौरतलब है कि बौद्ध और मुस्लिमों के बीच अक्सर झड़प होती रहती है। म्यांमार के बौद्ध वहाँ के मुस्लिमों को पसंद नहीं करते और कुछ वक्त पहले भी बौद्धों ने रखाइन प्रांत के एक मस्जिद को आग के हवाले कर दिया था।