नेपाल में भारी बारिश से बाढ़ आने, भूस्खलन में 64 लोगों की मौत

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दिल्ली
नेपाल में भारी बारिश से आई बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 64 लोगों की मौत हो गई है और कई अन्य लापता हैं। इस प्राकृतिक आपदा से हजारों लोग बेघर हो गए हैं।

लगातार बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ने के चलते देश के कई हिस्सों में कई मकान और पुल बाढ़ में बह गए जिससे स्थानीय आबादी में अफरातफरी का माहौल बन गया है।

पुलिस ने कहा कि पश्चिमी नेपाल के प्यूथान जिले में और 10 शव बरामद होने के बाद पूरे नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन में मारे गए लोगों की संख्या 64 पहुंच गई है। प्यूथान उन 14 सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित जिलों में से एक है जहां बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई।

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एक भूस्खलन के बाद 17 लोगों के लापता होने और बाद में इनके शव बरामद किए जाने के बाद इस जिले में मृतकों की संख्या बढ़ी है। बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुसने के बाद हजारों लोग विस्थापित हुए हैं और सैकड़ों मकान जलमग्न हो गए हैं।

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मृतकों में कई ऐसे लोग शामिल हैं जो भूकंप पीड़ित थे और भूकंप में क्षतिग्रस्त हुए मकानों की मरम्मत के बाद उनमें रह रहे थे। पिछले साल आए विनाशकारी भूकंप के बाद अब भी हजारों की संख्या में लोग तंबुओं में रह रहे हैं। उस भूंकप में करीब 9,000 लोगों की मौत हुई थी।

सप्तकोशी और नारायणी नदियों में जलस्तर खतरे के निशान के करीब है। सप्तकोसी नदी में पानी का बहाव पिछले 10 दिनों से जारी बारिश के बाद इस साल के उच्चतम निशान को पार कर गया है।

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नारायणी नदी में जलस्तर खतरे के निशान से उपर पहुंचने के बाद भारत की सीमा से लगे गंडक बैराज में सभी फाटकों को खोल दिया गया है। सरकार ने नेपाल के 75 जिलों में से बाढ़ प्रभावित 14 जिलों में राहत एवं बचाव अभियान शुरू किया है।

गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि नेपाल सरकार ने पीड़ितों के तत्काल बचाव, राहत और पुनर्वास के लिए 75 करोड़ नेपाली रपया :करीब 74 लाख डालर: आबंटित करने का आज निर्णय किया।