बांग्लादेश में प्रतिबंधित कट्टरपंथी समूह JMB को उस वक्त तगड़ा झटका लगा जब इस्लामी चरमपंथी समूह के एक शीर्ष बांग्लादेशी नेता को फांसी के फंदे पर लटकाया गया। उसकी साल 2005 के बम धमाके में अहम भूमिका रही थी जिसमें दोनों जज मारे गए थे। असदुल इस्लाम उर्फ आरिफ जमातुल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (JMB) का नेता था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रविवार रात 10:30 पर उसे खुलना जेल में फांसी दी गई।
JBM के संस्थापक शायख अब्दुर रहमान और आरिफ समेत छह वरिष्ठ नेताओं को 29 मई, 2009 में फांसी की सजा सुनाई गई थी। एक मिनीबस में हुए बम ब्लास्ट में जज जगन्नाथ पारे और सोहेल अहमद की मौत हो गई थी।
क्या था पूरा मामला ?
आरिफ को छोडकर शेष सभी आतंकवादियों को 20 मार्च 2007 को फांसी दे दी गई थी। आरिफ फरार था और उसे बाद में 10 जुलाई, 2007 में गिरफ्तार किया गया था। उसने इस निर्णय की समीक्षा की मांग करते हुए इस साल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। बांग्लादेश ने ढाका के एक रेस्तरां में इस साल एक जुलाई को हुए हमले के लिए JMB को जिम्मेदार ठहराया है। इस हमले में 22 लोग मारे गए थे जिनमें अधिकतर विदेशी बंधक थे।
आपको बता दें कि JMB की स्थापना 1990 के दौर में हुई थी। इसकी मांग थी बांग्लादेश में शरिया कानून हो।