योजनाएं कामयाब नही हो पा रही हैं
इतना ही नहीं, उनमें लग रही आग राजधानी की आबोहवा भी खराब कर रही है। राजधानी को कूड़ा मुक्त बनाने के लिए दिल्ली सरकार के साथ-साथ समस्त स्थानीय निकाय कई योजनाओं का सहारा ले चुकी है लेकिन एक भी योजना कूड़े की समस्या दूर करने में कामयाब नहीं हो सकी है। इसके चलते राजधानी का समस्त कूड़ा चार सैनेटरी लैंडफिल पर डाला जा रहा है।
खास बात यह है कि भलस्वा, ओखला और गाजीपुर सैनेटरी लैंडफिल में कूड़ा डालने की अवधि करीब एक दशक पहले खत्म हो चुकी है। करीब पांच वर्ष पहले बवाना में चालू किए गए सैनेटरी लैंडफिल में भी कूड़े का अंबार लगने लगा है। लैंडफिल के आसपास बदबू के अलावा जीना मुहाल है। इसके अलावा इन स्थानों पर गर्मी में तो निरंतर आग लगी रहती है, जबकि सर्दी के मौसम में भी आए दिन आग की घटना सामने आती है। इसके पीछे कूड़े के ढेर में गैस का बनना बताया जाता है। हालांकि नगर निगम ने इस गैस पर नियंत्रण करने के लिए कई बार विभिन्न कंपनियों के साथ अनुबंध किया लेकिन यह कंपनी भी गैस पर नियंत्रण नहीं कर पाई। हालांकि दिल्ली सरकार ने कूड़ा जलाने पर रोक लगा दी है।