गौर करने वाली ये बात है कि रूस और अमेरिका की फौजें तो बग़दादी के आतंकियों के परखचे उड़ाने के लिए रेतीली ज़मीन को बारूद की आग से झुलसा रही हैं, लेकिन वेटिकन के पोप ने किसी का क्या बिगाड़ा। आतंकी पोप को इस लिए निशाना बनाना चाहते हैं क्योंकि पोप ने सीरिया और इराक से भागकर आने वाले शरणार्थियों की मदद करने का ऐलान किया था। उन्होंने पूरे यूरोप के कैथोलिक पादरियों, मठों और धार्मिक समुदाय के लोगों से अपील की थी हर कोई कम से कम एक शरणार्थी परिवार को पनाह दे। वेटिकन पर निशाना साधकर आईएस के आतंकी यूरोप के साथ-साथ दुनिया की बहुत बड़ी आबादी को जज्बाती ठेस पहुंचाना चाहते हैं। आतंकी चाहते हैं कि ईसाई समुदाय के दिल में मुसलमानों के खिलाफ नफरत पैदा हो जाए। जिससे उनकी ये जंग एक धार्मिक लड़ाई में बदल जाए। अगर ऐसा हुआ तो पूरी दुनिया में जेहाद का जहर फैलाने की उनकी साजिश को पर लग जाएंगे।