उन्होंने कहा उदाहरण के लिए, नौवहन की स्वतंत्रता के जिस सार्वभौमिक अधिकार से चीन के पोत और विमान सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से यात्रा कर पाते हैं, उसी अधिकार का इस्तेमाल जब क्षेत्र में अन्य देश करते हैं तो बीजिंग उनकी आलोचना करता है।
उन्होंने कहा, ‘लेकिन सिद्धांत ऐसे नहीं होते। वे हर किसी पर और हर देश पर समान रूप से लागू करने के लिए होते हैं।’ दक्षिण चीन सागर में क्षेत्र के स्वामित्व के मुद्दे पर चीन का फिलीपीन, वियतनाम, ताइवान, मलेशिया और ब्रुनेई से भारी विवाद है। दक्षिण चीन सागर एक व्यस्त जलमार्ग है और भारत का 50 प्रतिशत व्यापार इसी मार्ग से होता है।
अमेरिका ने कहा है कि वह रणनीतिक जलक्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता के सिद्धांत के लिए प्रतिबद्ध है। कार्टर ने कहा कि अमेरिका के समावेशी रूख के तहत, रक्षा मंत्रालय अमेरिकी और चीनी सेना के बीच सैन्य संबंधों को आधुनिक बनाने की दिशा में कदम उठा रहा है।