चीन के शिनजियांग प्रांत में मां-बाप अब अपने बच्चों पर जबरदस्ती धर्म थोप नहीं सकते। सरकार ने इस पर रोक लगा दी है। चीन सरकार ने बुधवार को नई शिक्षा नीति की घोषणा की जिसके अनुसार अगर कोई मां-बाप या अभिभावक अपने बच्चों पर धार्मिक चीजों को थोपता पाया जाता है तो इसकी पुलिस में शिकायत की जा सकेगी। शिनजियांग की कुल आबादी में करीब 40 प्रतिशत (लगभग एक करोड़) लोग मुस्लिम वीगर समुदाय के हैं। ये प्रांत पिछले काफी समय से इस्लामी चरमपंथी हिंसा से प्रभावित रहा है जिसमें सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। हालांकि वीगर समुदाय के नेताओं के अनुसार यहां होने वाले प्रदर्शन दमनकारी चीनी पुलिस के खिलाफ होते हैं। चीन सरकार शिनजियांग में किसी भी तरह के गैर-कानूनी दमन से इनकार करती रही है। चीन सरकार के अनुसार वीगर समुदाय के कानूनी, सांस्कृतिक और धार्मिक अधिकार पूरी तरह सुरक्षित हैं। चीन में आधिकारिक तौर पर धार्मिक स्वतंत्रता है लेकिन नाबालिगों के धार्मिक कृत्यों में शामिल होने को प्रोत्साहित नहीं किया जाता। पिछले कुछ सालों में प्रशासन कई धार्मिक स्कूलों और मदरसों पर छापा मार चुका है। नई शिक्षा नीति इसी साल एक नवंबर से लागू होगी।
प्रांत के सरकारी अखबार शिनजियांग डेली में प्रकाशित खबर के अनुसार माता-पिता या अभिभावक नाबालिगों को धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल कराने के लिए “लालच या भय” का प्रयोग नहीं कर सकते। खबर के अनुसार माता-पिता नाबालिगों में चरमपंथी विचारों को बढ़ावा नहीं दे सकते, न ही उन्हें धार्मिक कपड़े या दूसरे चिह्न पहनने पर बाध्य कर सकते हैं। शिनजियांग के स्कूलों में भी किसी तरह के धार्मिक आयोजन पर रोक है। अखबार के अनुसार, “कोई भी व्यक्ति या समूह बच्चों के ऐसे बरताव पर रोक लगाने के लिए पुलिस या सुरक्षा विभाग में शिकायत कर सकता है।” समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार शिनजियांग में पहले से ही पुरुषों के दाढ़ी रखने और महिलाओं के बुरका पहनने पर रोक है।