चीन की नई शिक्षा नीति के अनुसार अगर मां-बाप अपने बच्चों को नुकसायदायक चरमपंथी या आतंकवादी तौर-तरीकों से दूर नहीं रख पाते हैं तो उन्हें उनके मौजूदा स्कूल से निकाल कर विशेष स्कूलों में “सुधार” के लिए भर्ती करा दिया जाएगा। स्कूलों को बच्चों को अलगाववाद और चरमपंथ से दूर रहने का माहौल तैयार करने के लिए कहा गया है जिससे उनमें “विज्ञान और सत्य की खोज को बढ़ावा मिले और अज्ञान और अंधविश्वास से बचे रहें।” वीगर समुदाय का आरोप है कि शिनजियांग में हान समुदाय के लोगों की आमद बहुत तेजी से बढ़ी है और उनके कारोबारी हितों को हतोत्साहित किया जाता है। विरोध प्रदर्शन करने वाले वीगर समुदाय के नेताओं के संग चीन सख्ती से पेश आता रहा है। प्रोफेसर इलहाम तोहती ने नामक वीगर मुस्लिम नेता को 2014 में अलगावाद को बढ़ावा देने के आरोपों में जेल भेज दिया गया था। मंगलवार को प्रोफेसर इलहाम का प्रतिष्ठित वार्षिक मानवाधिकार सम्मान दिया गया। चीन ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि वो एक अपराधी हैं जो आतंकवादियों की तारीफ करते हैं।