संयुक्त राष्ट्र में मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करवाने की भारत की कोशिशों पर अड़ंगा लगाए जाने के सवाल पर जेंग ने कहा कि चीन भारत के प्रस्ताव का समर्थन तभी करेगा जब कोई पुख्ता सबूत होगा। उन्होंने कहा, “चीन न्याय, निष्पक्षता और प्रफेशनलिजम के सिद्धांतों का समर्थन करता है और उसके लिए जरूरी चर्चा में हिस्सेदारी की वकालत करता है। चाहे पिछले साल भारत द्वारा की गई अर्जी की बात हो या इस साल की, हमारा रुख बदला नहीं है। हमारा मानदंड सिर्फ एक है, हमें पुख्ता सबूत चाहिए। अगर पुख्ता सबूत है तो अर्जी को मंजूरी मिल सकती है। अगर पुख्ता सबूत नहीं है तो सहमति बनना मुश्किल है।”
यह बताते हुए कि चीन अपना रुख कई बार साफ कर चुका है, जेंग ने कहा, “1267 कमिटी पर ताजा डिवेलपमेंट यह है कि संबंधित देशों ने कमिटी के सामने एक और अर्जी दी है। कमिटी के सदस्य अभी संबंधित पक्षों से बात कर रहे है और अभी तक इसपर आम सहमति नहीं बन पाई है।”































































