थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के सेना के खिलाफ जाने वालों पर सख्ती करने वाला बयान देने के दो दिन बाद ही कश्मीर में उनके खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। शुक्रवार को श्रीनगर की जामा मस्जिद के पास रावत के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। स्थानीय नागरिकों ने पत्थरबाजी की और पाकिस्तानी झंडे लहराए। जनरल रावत ने कहा था कि जम्मू कश्मीर में स्थानीय लोग जिस तरह से सुरक्षा बलों को अभियान संचालित करने में रोक रहे हैं उससे अधिक संख्या में जवान हताहत हो रहे हैं तथा ‘कई बार तो वे आतंकवादियों को भागने में सहयोग करते हैं।’ साथ ही उन्होंने कहा था, ‘हम स्थानीय लोगों से अपील करते हैं कि अगर किसी ने हथियार उठा लिए हैं और वह स्थानीय लड़के हैं। अगर वे आतंकी गतिविधियों में लिप्ट रहना चाहते हैं, आईएसआईएस और पाकिस्तान के झंडे लहराते हैं तो हम लोग उन्हें राष्ट्र विरोधी तत्व मानेंगे और उनके खिलाफ एक्शन लेंगे।’
रावत ने यह बयान उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा में एक एनकाउंटर के दौरान सुरक्षा बलों पर स्थानीय नागरिकों द्वारा पत्थरबाजी की घटना के बाद दिया था। पारे मोहल्ला में छुपे हुए आतंकवादियों के खिलाफ अभियान शुरू होने से पहले तीन सैनिकों को भारी पथराव का सामना करना पड़ा था। पथराव करने वालों के कारण सावधान होकर आतंकवादियों को आगे बढ़ रहे सैनिकों पर हथगोला फेंकने और एके राइफल से भारी गोलीबारी करने का मौका मिल गया। इसमें तीन जवान शहीद हो गए और सीआरपीएफ के कमांडिंग आफिसर सहित कुछ अन्य घायल हो गए। एक आतंकवादी मौके से फरार होने में सफल रहा था।