अब बंजर रेगिस्तान में भी लहलहाएंगी फसलें, चीनी वैज्ञानिकों ने किया अविष्कार

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देश में खेती का रकबा दिन-ब-दिन घटता जा रहा है। बढ़ती जनसंख्या, गरीबी और बंटवारे की वजह से खेती की जमीन आबादी में तब्दील होती जो रही है। यही वजह है कि जंगलों की कटाई जारी है। लेकिन चीनी वैज्ञाैनिकों ने दावा किया है कि अब वो बंजर और सूखे रेगिस्तान में भी खेती को अंजाम दें सकेंगे। जी हां चीनी वैज्ञानिकों ने बालू को उपजाऊ मिट्टी में सफलतापूर्वक बदलने का दावा किया है। ऐसा होने से रेगिस्तान के इलाकों को उपजाऊ बनाने में कामयाबी मिल सकती है।

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चोंगकिंग जियातोंग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक खास किस्म का घोल बनाया है। इसे पौधे में पाए जाने वाले सेलुलोज से तैयार किया गया है। इस घोल को रेत में मिलाने से उसमें पानी, पोषक तत्व और हवा को बनाए रखने का गुण आ जाता है। यह गुण उपजाऊ मिट्टी जैसे हैं।

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वैज्ञानिकों ने इस तकनीक के माध्यम से उत्तरी चीन के मंगोलियाई स्वायत्त क्षेत्र में 1.6 हेक्टेयर रेतीली जमीन को उपजाऊ बनाने में कामयाबी हासिल की है। अब उस जमीन पर चावल, मक्का, टमाटर, तरबूज और सूरजमुखी की खेती हो रही है।

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इस खास घोल को तैयार करने वाले वैज्ञानिक यी झिजान ने कहा, “इस नए तरीके से रेगिस्तानी इलाके को खेती के लिए आदर्श जमीन में बदलना संभव हो सकता है।” इतना ही नहीं, इस तकनीक से तैयार जमीन में पानी सामान्य उपजाऊ जमीन जितना ही लगता है और कम खाद में ज्यादा उत्पादन होता है।