नाहयान ने कहा, ‘इस प्रतिबंधित सूची में कुछ देश ऐसे हैं जहां संस्थागत परेशानियां हैं। इन देशों को चाहिए कि वे अपने मुद्दे और इन परेशानियों को सुलझाने की कोशिश करें। अमेरिका के साथ इस मुद्दे को सुलझाने से पहले उन्हें इन परिस्थितियों में सुधार लाने की कोशिश करनी चाहिए।’ मालूम हो कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) अरब देशों में अमेरिका के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक है।
अमेरिका के नेतृत्व में IS से लड़ने के लिए जो गठबंधन तैयार हुआ है, उसमें UAE भी शामिल है। IS के खिलाफ चल रही इस जंग में UAE अमेरिकन सेना और युद्धक विमानों को अपने यहां उतरने और रुकने की भी इजाजत देता है। मालूम हो कि UAE की आबादी में बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। इसके अलावा, अरब देशों के बीच यह अमेरिका का सबसे बड़ा आयातक भी है। साथ ही, अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के साथ भी UAE के व्यावसायिक संबंध हैं।