नई दिल्ली। भारत के साथ 36 राफेल की बिक्री का करार होने के बाद फ्रांसीसी रक्षा कंपनी डेसाल्ट एवियेशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने शुक्रवार(23 सितंबर) को कहा कि उनकी कंपनी ‘मेक इन इंडिया’ पहल के लिए प्रतिबद्ध है और बड़े ऑर्डर के लिए विमान को शार्टलिस्ट किए जाने पर वह भारत में लड़ाकू विमान का निर्माण करने लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि कंपनी को लगता है कि भारत से ठेका मिलने के साथ परमाणु हथियारों को ढोने की क्षमता रखने वाले विमान के और अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर आएंगे। ट्रैपियर ने एक साक्षात्कार में कहा कि ‘‘इस समय यह (विमानों की संख्या) 36 है। हमें लगता है कि हम भारत में एक मजबूत औद्योगिक साझेदारी का निर्माण कर सकते हैं। हमें अच्छी तरह पता है कि भारतीय वायुसेना को बड़ी संख्या में विमानों की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा कि राफेल विमान की विनिर्माता कंपनी दसाल्त एवियेशन ‘मेक इन इंडिया’ पहल के लिए प्रतिबद्ध है। ट्रैपियर ने यह पूछे जाने पर कि क्या बड़े ऑर्डर के लिए शॉर्टलिस्ट किए जाने पर कंपनी भारत में लड़ाकू विमान का निर्माण करना चाहेगी, इस पर कहा कि हां, बिल्कुल। हम देखेंगे कि हम ‘मेक इन इंडिया’ पहल के साथ कैसे आगे बढ़ सकते हैं। हम भारत में राफेल के उत्पादन के लिए तैयार है।
सीईओ ने कहा कि कंपनी भारतीय वायुसेना और सरकार के साथ काम करेगी और देखेगी कि वह भारत की जरूरतों को कैसे पूरा कर सकती है। उन्होंने कहा कि कंपनी राफेल विमानों के लिए भारत के साथ एक औद्योगिक साझेदारी का निर्माण करना चाहती है और 50 प्रतिशत ऑनसेट की शर्त से मदद मिलेगी।
50 प्रतिशत ऑफसेट प्रावधान का अर्थ है कि भारत के छोटे एवं बड़े कारोबार को तीन अरब यूरो से अधिक का काम मिलेगा। इससे पहले भारत और फ्रांस ने राफेल लड़ाकू विमानों के लिए 7.87 अरब यूरो (करीब 59000 करोड़ रूपये) के सौदे पर हस्ताक्षर किए।
ये लड़ाकू विमान नवीनतम मिसाइल और शस्त्र प्रणालियों से लैस हैं और इसमें भारत के हिसाब से परिवर्तन किए गए हैं। ये लड़ाकू विमान मिलने के बाद भारतीय वायुसेना को अपने धुर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के मुकाबले अधिक ‘‘ताकत’’ मिलेगी।