चीन द्वारा आतंकी अजहर पर प्रतिबंध को रोकने के बारे में उन्होंने कहा, ‘हम इसकी भर्त्सना करते हैं, हमारे संयुक्त प्रयासों और समिति से मिले भरपूर समर्थन के बावजूद सर्वसम्मति नहीं बन सकी।’ उन्होंने कहा कि जैश का नाम समिति की आतंकी संगठनों की सूची में पहले से शामिल है इसलिए अजहर को इस सूची में शामिल करने के पक्ष में मजबूत तर्क मौजूद हैं जैसा कि भारत ने अनुरोध किया है।’ उन्होंने कहा कि इसीलिए फ्रांस ने इस अनुरोध का ना केवल समर्थन किया बल्कि इसका सह-प्रस्तावक भी बना। अप्रत्यक्ष तौर पर चीन को दिए संदेश में उन्होंने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को आतंक से खतरे की गंभीरता पर नहीं जाते हुए हर जगह एक सी प्रतिबद्धता से लड़ना चाहिए।’ अजहर के मुद्दे पर भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों के बारे में फ्रांस के विदेश मंत्री ने कहा, ‘इसपर क्या हो सकता है इस बारे में हम भारत से चर्चा करेंगे। यह पेरिस में होने वाले आतंक निरोध पर हमारे द्विपक्षीय कार्यकारी समूह का एजेंडा होगा। भारत जानता है कि वह हमारे समर्थन पर भरोसा कर सकता है।’































































