99 देशों पर बड़ा साइबर हमला, ब्रिटेन, अमेरिका और चीन समेत कई देशों के कंप्यूटर ठप…सेवाएं बंद

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यूरोप समेत दुनिया के कई देशों में कुछ संगठनों पर साइबर हमला हुआ है। इन साइबर हमलों के बाद कंप्यूटर्स ने काम करना बंद कर दिया। प्रभावित कई संगठनों ने कंप्यूटर्स के लॉक होने की शिकायत की है। इन्होंने बताया कि उनसे फिरौती के रूप में बिटकॉइन की मांग की जा रही है। इन लोगों ने फिरौती की मांग वालेस्क्रीनशॉट्स साझा किए हैं।

ब्रिटेन, अमरीका, चीन, रूस, स्पेन, इटली, वियतनाम और कई अन्य देशों में रेनसमवेयर साइबर हमलों की खबर है। इसका असर इंग्लैंड के अस्पतालों पर भी पड़ा है। इस अटैक से नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) से जुड़े कंप्यूटर्स को निशाना बनाया गया है। साइबर अटैक के तहत हैकर्स ने लंदन, ब्लैकबर्न और नॉटिंघम जैसे शहरों के हॉस्पिटल और ट्रस्ट के कंप्यूटर्स ने काम करना बंद कर दिया है।

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इंग्लैंड के कई अस्पतालों का कहना है कि उन्हें अपने कंप्यूटर खोलने में परेशानी हो रही है। जो कंप्यूटर्स हैक हुए हैं उन्हें खोलने पर एक मैसेज दिखाई दे रहा है जिसमें कहा गया है कि फ़ाइल रिकवर करना चाहते हो तो पैसे चुकाने होंगे. बिटकॉइन में फिरौती मांगे जाने की खबर है।

कई देशों में रेनसमवेयर नाम के कंप्यूटर वायरस को साइबर हमले के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। रेनसमवेयर एक ऐसा वायरस है जो कंप्यूटर्स फ़ाइल को बर्बाद करने की धमकी देता है। धमकी दी जाती है कि यदि अपनी फ़ाइलों को बचाना है तो फीस चुकानी होगी।

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जानें- क्या है रेनसमवेयर कंप्यूटर वायरस

कई देशों में रेनसमवेयर नाम के कंप्यूटर वायरस को साइबर हमले के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। रेनसमवेयर एक ऐसा वायरस है जो कंप्यूटर्स फ़ाइल को बर्बाद करने की धमकी देता है। धमकी दी जाती है कि यदि अपनी फ़ाइलों को बचाना है तो फीस चुकानी होगी। ये वायरस कंप्यूटर में मौजूद फ़ाइलों और वीडियो को इनक्रिप्ट कर देता है और उन्हें फिरौती देने के बाद ही खोला जा सकता है।

दरअसल ये वायरस कंप्यूटर में मौजूद फ़ाइलों और वीडियो को इनक्रिप्ट कर देता है और उन्हें फिरौती देने के बाद ही खोला जा सकता है। अभी ये कंप्यूटर वायरस भारत में नहीं फैला है, लेकिन खतरा बरकरार है।

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कैसे करें बचाव

मार्च में माइक्रोसॉफ्ट ने Windows यूजर्स के लिए एक सिक्योरिटी पैच अपडेट किया था। आपने अगर इसे इंस्टॉल नहीं किया है तो अब वक्त आ गया है इसे इंस्टॉल करने का। इसके अलावा अपने सिस्टम में किसी अच्छी कंपनी का एंटी वायरस डालें। एंटी वायरस की आखिरी तारीख याद रखें और उसे अपडेट कराते रहें। जब भी अपने कंप्यूटर को मोबाइल, पैन ड्राइव या किसी दूसरे डिवाइस से जोड़ें तो उसे स्कैन करें। किसी ऑनलाइन साइट से कुछ डाउनलोड करें या कुछ देखें तो पहले देख लें कि वो साइट रजिस्टर्ड हो। अपने सिस्टम को समय समय पर फॉर्मेट कराते रहें।

वीडियो में देखिए साइबर एक्सपर्ट से बात की हमारे संवाददाता गौरव सिंह ने