हिना रब्बानी के अनुसार न तो विदेशों में बैठे पाकिस्तान के राजदूत नकारा हैं और न ही पाक विदेश विभाग कमजोर है। लेकिन, हमारे राजदूत जो दुनिया के सामने बोलते हैं, वह पाकिस्तान के भीतर धरती पर होता नजर नहीं आता। अब केवल शब्दों से नहीं, बल्कि जमीनी कार्रवाई से साबित करना होगा कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि दुनिया जिन संगठनों पर सवाल उठा रही है, वे हमारी आंतरिक सुरक्षा के लिए भी बड़ी समस्या बन गए हैं। इन आतंकी संगठनों से निजात पाने के बजाय हमारी सरकार उनका प्रवक्ता बन जाती है। इससे पाकिस्तान सरकार की साख खतरे में पड़ गई है और कोई भी देश उस पर भरोसा करने के लिए तैयार नहीं है।
हिना रब्बानी खार ने साफ-साफ चेतावनी दी है कि पाकिस्तान को आतंकवादियों को संरक्षण देने की अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए। यदि हम अपनी गलती स्वीकार नहीं करेंगे, तो फिर उसे दुरूस्त भी नहीं करेंगे।