इंटरनेशनल अदालत में जाधव की फांसी पर रोक, भारत की तीनों अपील मंजूर ,पाक ने फैसला मानने से किया इनकार

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उत्तराखंड

कुलभूषण जाधव मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा भारत और पाकिस्तान दोनों ने ही विएना संधि पर सवाल नहीं उठाया है. कोर्ट ने माना है कि कुलभूषण को कानूनी मदद मिलनी चाहिए. इंटरनेशनल कोर्ट ने भारत की अपील पर फैसला सुनाते हुए कहा कि पाकिस्तान इस मामले की पूरी सुनवाई होने तक कुलभूषण जाधव को फांसी नहीं दे सकता. कुलभूषण को पूरी कानूनी सहायता दी जानी चाहिए. इसके अलावा पाकिस्तान की उस दलील को भी ठुकरा दिया कि जासूसी मामले में दोषी पाया गया व्यक्ति विएना संधि के तहत नहीं आता. इस तरह इंटरनेशनल कोर्ट ने भारत की तीनों अपील को मंजूर करते हुए पाकिस्तान को स्पष्ट निर्देश जारी किया है.

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जस्टिस रॉनी अब्राहम ने इंटरनेशनल कोर्ट का फैसला सुनाया. जासूसी और आतंकी मामलों में गिरफ्तार भी विएना संधि से बाहर नहीं है. अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट को इस मामले को सुनने का हक है. कोर्ट ने कहा, जाधव की गिरफ्तारी एक विवादित मुद्दा है. इस मामले में सुनवाई के अधिकार पर फैसला सुनाते हुए कहा कि इंटरनेशनल कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर सकता है.

पाकिस्तान ने फैसला मामने से किया इनकार
उधर, फैसले से ठीक पहले पाकिस्तान ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के फैसले से इनकार कर दिया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले से चंद मिनटों पहले कहा, अंतर्राष्ट्रीय अदालत के पास कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई करने का कोई अधिकार नहीं है. ये पाकिस्तान की सुरक्षा का मामला है.

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आईसीजे ने 10 मई को जाधव की फांसी पर रोक लगा दी थी. पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी का दोषी बताते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. पाकिस्तान ने जासूसी के आरोप में उन्हें एक साल से भी अधिक समय से हिरासत में रखा है. कुलभूषण जाधव 10 अप्रैल को पाकिस्तान की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी.कुलभूषण जाधव को पिछले साल 3 मार्च, 2016 को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था. पाकिस्तान ने जाधव को भारतीय जासूस बताकर गिरफ्तार किया था.

भारत की ओर से वरिष्ठि वकील हरीश साल्वेच ने आईसीजे में पक्ष रखा था. भारत की ओर से आईसीजे में कहा गया था कि अगर जाधव को फांसी दी जाती है तो ये युद्धापराध के बराबर माना जाएगा.साल्वेा ने कहा था कि भारत मानता है कि जाधव मामले में पाकिस्तान के सैन्य कोर्ट का फैसला हास्यास्पद और नाजायज़ है और इसमें मानवाधिकार का उल्लंघन किया गया है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कुलभूषण को अपने बचाव में वकील देने से मना कर दिया.

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भारत ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान वियना समझौते का उल्लंघन कर रहा है और जाधव को सबूतों के बिना दोषी करार देने के लिए मुकदमा चला रहा है. पाकिस्तान ने आईसीजे में कहा कि वियना समझौते में कंसुलर संपर्क से जुड़े प्रावधान आतंकी गतिविधियों में शामिल किसी जासूस के लिए नहीं है.