बलूचिस्‍तान को आजाद कराए भारत- बलूच नेता

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बलूचिस्‍तान
ब्रहमदग बुगती की फाइल फोटो

लाल किले से मोदी के भाषण के बाद बलूचिस्तान के लोगों के हौंसले बुलंद हैं। बलूचिस्‍तान के मारे गए राष्‍ट्रवादी नेता अकबर बुगती के पोते ब्रहमदग बुगती का कहना है कि वे पीएम मोदी और भारत के लोगों के आभारी हैं जिन्‍होंने कठिन समय में उनका समर्थन किया। उन्‍होंने कहा, ”हम उम्‍मीद करते हैं कि भारत एक जिम्‍मेदार पड़ोसी की भूमिका निभाते हुए बलूचिस्‍तान में दखल दें और नरसंहार रुकवाए। पूर्वी पाकिस्‍तान में भारत की भूमिका को हम आदर से देखते हैं और चाहते हैं कि भारत ऐसा ही कदम बलूचिस्‍तान के लिए भी उठाए। हम सभी देशों से मदद मांगते हैं। लेकिन विश्‍व समुदाय में बलूच लोगों की आवाज बनने के लिए भारत के कंधों पर बड़ी जिम्‍मेदारी है।”

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ब्रहमदग बुगती पाकिस्‍तान से भागकर स्विट्जरलैंड में रह रहे हैं। उन्‍होंने 2008 में बलूच रिपब्लिकन पार्टी का गठन किया था। उनके दादा अकबर बुगती की परवेज मुशर्रफ के कार्यकाल के दौरान हत्‍या कर दी गई थी। पाकिस्‍तान के आतंकवाद को मदद करने के सवाल पर बुगती ने कहा कि यह किसी से छुपा हुआ नहीं है कि पाकिस्‍तान प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष रूप से दुनियाभर में कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है। फिर चाहे वे हमले भारत, अफगानिस्‍तान में हो या बांग्‍लादेश में। बलूचिस्‍तान में पाकिस्‍तान के अत्‍याचारों के बारे में उन्‍होंने कहा कि अंग्रेजों से जबरदस्‍ती बलूचिस्‍तान को लेने के बाद से पाक जुलम कर रहा है। पाकिस्‍तान ने बलूच जमीन को लूटा है।

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बलूच लोग ईरान और अफगानिस्‍तान में भी रहते हैं। जब इस बारे में ब्रहमदग बुगती से पूछा गया कि क्‍या आजादी की उनकी मांग से उन पर क्‍या असर पड़ेगा? इस पर उन्‍होंने बताया, ”अफगानिस्‍तान और ईरान में बलूच क्षेत्रों पर कुछ असर पड़ेगा। लेकिन यह उन देशों पर निर्भर करता है कि वे अपनी बलूच लोगों से कैसा व्‍यवहार करते हैं। उदाहरण के तौर पर भारत में बंगालियों की बड़ी आबादी है। क्या बांग्‍लादेश की आजादी के बाद उन्‍होंने भी आजादी मांगी?” उन्‍होंने कहा कि बलूच ही ऐसे लोग हैं जिनसे भारत को प्राकृतिक संबंध हैं। दोनों धर्मनिरपेक्ष और सहिष्‍णु हैं।

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