आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अभी तक भारतीयों को हांगकांग जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं पड़ती थी। अगर उनके पास वैध पासपोर्ट है तो वे 14 दिन के लिए हांगकांग जा सकते थे। लेकिन अब हांगकांग ने भारत के विरोध के बावजूद इस सुविधा को बंद करने का फैसला किया है। हांगकांग ने यह फैसला वहां शरण लेने वाले भारतीयों की संख्या में हुए इजाफे को देखते हुए लिया है।
‘आगमन पूर्व पंजीकरण’ छह महीने के लिए वैध रहेगा। इस दौरान वे चाहे जितने बार हांगकांग की यात्रा कर सकते हैं। भारतीय नागरिकों को शहर के लिए एक विमान या जहाज में सवार होने से पहले एक एप्रूवल पर्ची दिखानी होगी।
हांगकांग प्रशासन के इस फैसले के हजारों भारतीयों पर प्रभाव पड़ेगा। एक अनुमान के मुताबिक हर साल हांगकांग 5 लाख से अधिक लोग यहां पर घूमने के लिए आते हैं। साल 2016 में साल 2013 की तुलना 22 फीसदी अधिक भारतीयों ने हांगकांग की यात्रा की है।
यह पहली बार है जब हांगकांग में इस तरह के सख्त नियम लागू किए गए हैं। शहर में 10 हजार से अधिक शरणार्थियों के आवेदन लंबित हैं। इनमें से 80 फीसदी भारतीयों के हैं, जो हांगकांग में रहने की अनुमति मांग रहे हैं।