इंटरनेशनल कोर्ट से पाकिस्तान को लगा है बड़ा झटका, अब क्या करेगी पाक सेना?

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पाकिस्तान ने भारतीय नौसेना के पूर्व कमांडर जाधव की गिरफ्तारी 29 मार्च 2016 को दिखाई थी। पाकिस्तान का दावा था कि जाधव बलूचिस्तान और कराची में आतंकवाद फैलाने का काम कर रहे थे। वहीं, भारत का दावा था कि जाधव को अगवा किया गया है। गिरफ्तारी के बाद भारतीय उच्चायोग ने दर्जनों बार उनसे मिलने की इजाजत मांगी थी। लेकिन पाकिस्तान ने सभी अंतर्राष्ट्रीय कानूनों को दरकिनार करते हुए इसकी इजाजत नहीं दी। 11 अप्रैल 2017 को अचानक खबर आई कि पाकिस्तान के मिलिट्री कोर्ट ने उन्हें फांसी की सजा दे दी है।

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सुषमा स्वराज का ट्वीट

भारतीय विदेशमंत्री सुषमा स्वराज के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय अदालत ने ये फैसला रूल ऑफ कोर्ट के पैरा-4 के अनुच्छेद 74 के तहत सुनाया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने जाधव की मां को इस फैसले की जानकारी दी है। सुषमा के मुताबिक सीनियर वकील हरीश साल्वे इस मामले में भारत की पैरवी कर रहे हैं।

भारत का कड़ा रुख

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भारत ने इस मसले में कडा रुख अपनाया था। विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में कहा था कि जाधव को छुड़वाने के लिए भारत किसी भी हद तक जाएगा। मसला दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव का बड़ा सबब था। भारत ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को कई बार तलब कर जाधव से मिलने की इजाजत मांगी थी। भारत की सरकार जाधव को बचाने के लिए पाकिस्तानी कानूनी व्यवस्था में मौजूद विकल्पों पर भी गौर कर रही थी।

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