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आईएसआईएस के आतंकियों को सेना और लोकल स्तर पर जवानों ने मुंहतोड जवाब दिया। इस कार्रवाई में इस्लामिक स्टेट के एक कमांडर की भी मौत हो गई। घोर प्रांत के गवर्नर का कहना है कि मारे गए लोगों में बच्चे भी शामिल हैं।
जुलाई में काबुल में शिया हजारा लोगों के प्रदर्शन के दौरान दो विस्फोटों की जिम्मेदारी आइएस ने ली थी। इन विस्फोटों में 80 लोग मारे गए थे। यह अफगानिस्तान की राजधानी में सन 2001 के बाद हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला था।
समूह ने अभी तक इस हमले की आधिकारिक रूप से जिम्मेदारी नहीं ली है।
यह घटना अफगानिस्तान की कमजोर सुरक्षा व्यवस्था को रेखांकित करती है। अमेरिका के आक्रमण में सत्ता से हटाए जाने के 15 वर्ष बाद फिर से अपनी ताकत बढ़ा रहा तालिबान शहरी केंद्रों की ओर बढ़ रहा है।
आईएस के लड़ाके धीरे-धीरे अफगानिस्तान में भी लगातार पैठ बना रहे है। वे समर्थन हासिल कर रहे है, भर्तियां कर रहे हैं और तालिबान को उसकी ही जमीन पर, खासकर देश के पूर्व में चुनौती दे रहे हैं।
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