ट्रंप ने मेक्सिको से साफ-साफ कहा है कि उससे सटी सीमा के द्वारा अमेरिका में आने वाले प्रवासियों को रोकने के लिए वह एक दीवार बनाएंगे और मेक्सिको से आने वाले सामानों पर अतिरिक्त आयात शुल्क लगाकर वह इस दीवार का खर्च वसूलेंगे। विश्व के नेता अब इस बात को समझ रहे हैं कि ट्रंप की बातों को नजरंदाज करना या उनकी धमकियों को हल्के में लेना सही नहीं होगा।
आबे ने जापानी संसद के सामने ट्रंप द्वारा लगाए गए आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत हुई, तो वह जापान की मौद्रिक नीति के बारे ट्रंप को समझाने के लिए तैयार हैं। अगले हफ्ते आबे अमेरिका दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरान उनकी मुलाकात ट्रंप से होगी। यह देखना होगा कि उनके बीच इन मुद्दों को लेकर क्या बातचीत होती है और इसका क्या नतीजा निकलकर आता है। उधर मर्केल ने ट्रंप के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘हम अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतियोगिता और सभी के साथ निष्पक्ष व्यापार करना चाहते हैं।’ मर्केल इस साल जुलाई में जी-20 सम्मेलन में ट्रंप की मेजबानी करने की योजना बना रही हैं। उधर, ट्रंप की इन धमकियों के कारण कई देश एक-दूसरे के नजदीक आ रहे हैं। पिछले हफ्ते मर्केल ने चीन के राष्ट्रपति ली केकियांग से फोन पर बात की। दोनों के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत करने पर भी बात हुई। इससे यह भी संकेत मिला कि ट्रंप के संरक्षणवादी व्यापार का विरोध करने के लिए कई अहम देश एक अंतरराष्ट्रीय समझौता कर सकते हैं।