धरती पर नर्क देखना है तो उत्तर कोरिया की जेल में महिला कैदियों का हाल देखो…रौंगटे खड़े हो जाएंगे

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कोरिया

उत्तर कोरिया के तानाशाह शासक किम जोंग ने कैदियों को यातनाएं देने के मामले में नाजी शासक हिटलर को भी पीछे छोड़ दिया है। नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम- जोंग- उन के ‘मौत के शिविरों’ में कैदियों को दी जाने वाली दर्दनाक यातनाओं के बारे में पहली बार खुलासा हुआ है। ये खुलासा यहां महिला गार्ड के तौर पर सात साल तक तैनात रहीं लिम हे जिन ने किया है। लिम ने इन यातना शिवरों की ‘इनसाइड स्टोरी’ से दुनिया को रुबरू कराया है।

रेप के बाद जिंदा जलाई जाती हैं महिलाएं

उसने बताया कि उत्तर कोरिया की जेलों में महिला कैदियों के साथ पुरुष कैदी रेप करते हैं और उन्हें न्यूड कर ज़िंदा जला दिया जाता है।

महिला गार्ड के इस खुलासे से पूरी दुनिया स्तब्ध है। महिला ने बताया कि ये जेल किम जोंग के यातना शिविर हैं। जहां कैदियों को अमानवीय पीड़ा का सामना करना पड़ता है। लिम हे जिन नाम की महिला ने पश्चिमी मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में ये खुलासे किए।

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गार्ड के मुताबिक, उत्तरी कोरिया की जेलों और जेल शिविरों में हजारों की तादाद में बंदी कैद हैं। इनके साथ बेहद क्रूर और अमानवीय व्यवहार किया जाता है। उन्हें मारा-पीटा जाता है, छोटी-छोटी बातों पर मार दिया जाता है और उनकी लाश को सड़ने के लिए खुले में फेंक दिया जाता है। इन कैदियों को भूखा रखा जाता है और महिला कैदियों के साथ जब चाहे तब बलात्कार किया जा सकता है।

लिम ने बताया कि पुरुष गार्ड शिविरों में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करते है। और कहते हैं कि महिला कैदियों के साथ उनके अफेयर है। यह मूल रूप से बलात्कार था क्योंकि कैदियों को नहीं कहने का अधिकार नहीं था। यदि महिलाएं गर्भवती हो जाती है तो उनका गर्भपात करा दिया जाता है। इसके बावजूद अगर बच्चे पैदा होते हैं तो उन्हें जिंदा दफन कर दिया जाता है।

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यहां आवाज उठाने का मतलब है मौत

लिम हेइ जिन नाम की इस पूर्व गार्ड ने बताया कि उसने तानाशाह के राजनैतिक विरोधियों को अपनी आंखों के सामने जिंदा जलाए जाते हुए देखा है। जो भी कैदी भागने की कोशिश करता है, उसका सिर काट दिया जाता है और कई सारे लोगों को एक साथ गोली मार दी जाती है, ताकि बाकियों में खौफ पैदा हो। डेली मेल को दिए गए एक साक्षात्कार में लिम ने ये खौफनाक जानकारियां दीं। ली पहले कैदियों के ऐसे ही एक शिविर में गार्ड की नौकरी करती थीं। बाद में गैरकानूनी तौर पर प्रशिक्षण हासिल करने के अपराध में उन्हें कुछ समय के लिए सजा भी हुई। करीब 15 साल पहले लिम उत्तरी कोरिया से भागकर दक्षिणी कोरिया आ गई थीं। अब वह यहां राजधानी सोल में रहती हैं। उन्होंने बताया, ‘हम पहरेदारों का ब्रेनवॉश कर दिया जाता था। हमें सिखाया जाता था कि कैदियों के साथ किसी तरह की सहानुभूति ना रखें। हमारे दिमाग में भरा जाता था कि उन्होंने गंभीर अपराध किए हैं और सजा के ही हकदार हैं। अब मुझे उन चीजों पर अफसोस होता है। मैं जानती हूं कि वे कैदी सामान्य लोग थे और इसके कारण मुझे अपराधबोध भी होता है।’

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